क्या करे

भुल गए तेरी बातों को अब उन रिश्ते नातों का क्या करे,

रास्ते अब बदल गए हैं अब इन मुलाकातों का क्या करे।


जनम जनम की सदियों में भी नहीं मिलना तेरा मेरा,

फिर कुछ बचा ही नही अब इन रोकर हालातों का क्या करे।


तुम्हारे बिना अब ये सफर अधुरा सा ही रह गया,

कांटो भरी राहों पर चलकर अब इन सौगातों का क्या करे।


जश्न का खूबसूरत रिश्ता एक अदाएं लिए हुए,

मुहब्बत ही नही रही तो अब इन बारातों का क्या करे।


दर्द देते रहेंगे ये जख्म बनकर हमेशा मेरे दिल में,

जब सनम ही नही मेरे साथ अब इन जज्बातों का क्या करे। 


सुकून तो मिला नहीं मुझे इश्क में एकपल का भी,

अगर खुश हुं भी तो इस सफर में अब इन राहतों का क्या करे।


मिलते थे हम तुम हर बार एक नए हसरतें लिए हुए,

अश्रु की बारिश बरसती रही अब इन बरसातों का क्या करे।

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4 Comments

Varsha_Upadhyay

27-Sep-2023 07:56 PM

Nice

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सुन्दर सृजन

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Gunjan Kamal

21-Sep-2023 06:01 PM

👏👌

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